नई दिल्ली: आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब लोगों को 5 लाख रुपए तक का हेल्थ इंश्योरेंस फ्री मिल रहा है। इसके तहत योजना में रजिस्टर हॉस्पिटल में इलाज करवाने पर 5 लाख रुपए तक का बीमा मिलता है।
हालांकि नेशनल हेल्थ अथॉरिटी को योजना के तहत मिलने वाले क्लेम के आंकड़ों में अटपटी चीज देखने को मिली है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 6 राज्यों से सबसे अधिक क्लेम हिस्टरेक्टोमी (महिलाओं में गर्भाशय निकालने की प्रक्रिया) के मिले हैं। ये सभी मामले प्राइवेट हॉस्पिटल के हैं।
एनएचए ही देश में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को लागू करवा रही है। एजेंसी इस तरह के के क्लेम की जांच कर रही है। अथॉरिटी ने इस पर एक वर्किंग पेपर भी कमीशन किया है।
ये पेपर इस योजना के विश्लेषण के लिए तैयार किया गया है। इससे योजना के ट्रेंड की समीक्षा की जा रही है। एक सरकारी अधिकारी ने ईटी को बताया कि हिस्टरेक्टोमी पारंपरिक तौर पर प्राइवेट सेक्टर में बीमा के दुरुउपयोग का स्रोत है। अगर ये गलत तरीके से हुआ तो महिला को नुकसान हो सकता है। ये लोगों की हेल्थ का मामला है।
24 राज्यों से आए कुल क्लेम में 1 फीसदी इसी सर्जरी से जुड़े हुए हैं जबकि महिलाओं के कुल क्लेम में इसका हिस्सा 2 फीसदी है। छत्तीसगढ़ (21.2 फीसदी), उत्तर प्रदेश (18.9 फीसदी), झारखंड (12.2 फीसदी), गुजरात (10.8 फीसदी), महाराष्ट्र (9 फीसदी), कर्नाटक (6.6 फीसदी) 6 राज्यों ने योजना के तहत सबसे ज्यादा दावे किए हैं। इसमें से 75 फीसदी दावे हाइसेरेक्टोमी के हैं।
छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा दावे प्राइवेट सेक्टर से आए हैं। उत्तर प्रदेश से आयुष्मान भारत में आए कुल क्लेम का 5 फीसदी है। जिसमें से 18.9 फीसदी दावे हायसेरेक्टोमी के हैं।
छत्तीसगढ़ से तो हाइसेरेक्टॉमी के आए हैं। 94.5 फीसदी दावे प्राइवेट हॉस्पिटल से आए हैं। ये एक चिंता की बात है। रिपोर्ट में हरियाणा, झारखंड और अरूणाचल प्रदेश से आए क्लेम की भी नजदीकी से जांच की बात कही गई है।
जानकारों के मुताबिक परिवार नियोजन के लिए कई राज्यों में इस सर्जरी को किया जाता है। कई महिलाओं का गर्भाशय निकाल दिया जाता है ताकि वो खेतों में काम कर सके। कुल मिलाकर नेशनल हेल्थ अथॉरिटी की सभी तरह के क्लेम पर नजर है।
मेडीक्लेम इंश्योरेंस में कई प्राइवेट हॉस्पिटल इस तरह का फर्जीवाड़ा करते हैं। इसके बाद इंश्योरेंस कंपनियां ऐसे हॉस्पिटल को ब्लैक लिस्ट कर देती हैं। इस मामले में कुछ शहर के प्राइवेट हॉस्पिटल बदनाम हैं। वहां से आए क्लेम की पूरी जांच की जाती है।
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