आधार, दुनिया के सबसे बड़े बायोमेट्रिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम द्वारा समर्थित आइडेंटिटी प्रूफ कार्ड यानी पहचान प्रमाण पत्र, पिछले कुछ सालों में भारत में सबसे ज्यादा चर्चित विषयों में से एक है। चाहे 2017 में सुरक्षा उल्लंघन के डर का मामला हो या अपनी इच्छा से खुलासा करने से संबंधित नए संशोधन के मामले में हमारी सभी दैनिक गतिविधियों के साथ इसे अनिवार्य रूप से लिंक करने की चिंता, इस 12 अंकों वाले नंबर ने शुरू से ही हमारे जीवन को किसी न किसी तरह से प्रभावित किया है।
लेकिन हाल में ही में घटे अनगिनत घटनाक्रमों ने इस बात पर काफी असर डाला है कि हम किस तरह और किस लिए, इस आइडेंटिफिकेशन कार्ड का इस्तेमाल करते हैं - इन सब कारणों से हमें इसके बारे में कुछ ख़ास बातों की जानकारी होनी चाहिए ताकि हमारा आधार सुरक्षित रह सके। आगे पढ़ें, यहां हमने कुछ महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा की है:
इस साल के शुरुआती दौर में, केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने एक संशोधन विधेयक को पारित किया जिसके तहत अब कई कार्यों के लिए अपनी इच्छा से अपने आधार कार्ड का खुलासा करने की अनुमति दी गई है। जिसमें एक बैंक अकाउंट खोलना और एक मोबाइल कनेक्शन के लिए अप्लाई करना भी शामिल है।
दूसरे शब्दों में, इस संशोधन के अनुसार, कोई भी प्राइवेट कंपनी, आपको अपना KYC (अपने ग्राहक को जानें) पूरा करने के लिए अपनी पहचान को प्रमाणित करने के लिए अपने आधार का विवरण प्रदान करने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है जब तक संसद द्वारा पारित क़ानून में ऐसा करने के लिए नहीं कहा जाता। इसके अलावा, सिर्फ बैंकिंग कंपनियां, ऑनलाइन आधार ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल कर सकती हैं जब तक सरकार द्वारा कोई अतिरिक्त आदेश जारी नहीं किया जाता है। इसका उल्लंघन करने पर, सरकार द्वारा सख्त अर्थदंड लगाया जा सकता है।
लेकिन, इस बात पर भी ध्यान देना जरूरी है कि पैन और आधार को लिंक करना अभी भी अनिवार्य बना हुआ है - इसलिए, अपना इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करते समय इस बॉक्स पर निशान लगाना जरूरी है। इसके अलावा, जो लोग सरकारी कल्याणकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं उन्हें आधार के लिए नामांकन करना जरूरी है।
यूनिक आइडेंटिफिकेशन ऑथोरिटी ऑफ़ इंडिया द्वारा जारी किए गए इस आइडेंटिटी कार्ड में आपके बारे में संवेदनशील जानकारी मौजूद रहती है जिसे आपको सब समय सुरक्षित रखना होगा। इसमें आपका नाम, उम्र, लिंग, पता, और आपका फोटो सहित आपकी पर्सनल जानकारी रहती है।
अपने आधार के लिए अप्लाई करते समय, आपकी पहचान को स्थापित करने के लिए आपके दोनों हाथों की 10 अंगुलियों और दोनों आंखों की पुतलियों को स्कैन किया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद, आपको आपके आधार के रूप में 12 अंकों वाला एक अनोखा और बेतरतीब नंबर जारी किया जाता है।
संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त इस कार्ड में इतनी संवेदनशील जानकारी रहने के कारण, इसके साथ कोई छेड़छाड़ होने पर, आपकी पहचान की चोरी हो सकती है और पैसे का नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। इसलिए, अपने आधार का सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल करना जरूरी है।
अपने आधार का सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल करने के लिए कुछ 'न किए जाने वाले काम' के बारे में जानना जरूरी है। आइए इन पर एक नजर डालते हैं:
हां, सोशल मीडिया आज हमारी जिंदगी का एक हिस्सा बन गया है। हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि हम अपनी जिंदगी का हर पल कैसे बिताते हैं, लेकिन कुछ बातें ऑनलाइन पर शेयर नहीं करनी चाहिए, और आपका आधार उन्हीं में से एक है।
उदाहरण के लिए, मान लीजिए, आपका दोस्त या परिवार का सदस्य आपके लिए एक बुकिंग कर रहा है और उस बुकिंग को कन्फर्म करने के लिए आपके आधार के विवरण की जरूरत है और वह आपको जल्दी से अपना विवरण शेयर करने के लिए कहता है।
इस डिजिटल युग में, हमारे दिमाग में सबसे पहली बात यही आती है कि जल्दी से अपने आधार कार्ड का एक पिक्चर लेकर उसे फेसबुक या इंस्टाग्राम, इत्यादि के माध्यम से भेज दिया जाय। लेकिन, जिस तरह आपको किसी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर अपने क्रेडिट कार्ड का नंबर या अपने बैंक का विवरण पोस्ट नहीं करना चाहिए, उसी तरह आपको अपना आधार नंबर भी सार्वजनिक रूप से शेयर नहीं करना चाहिए।
जैसा कि पहले बताया जा चुका है, आधार के लिए अप्लाई करते समय, आपकी बायोमेट्रिक जानकारी ली जाती है। आपके दोनों हाथों की 10 अँगुलियों और दोनों आँखों की पुतलियों को स्कैन किया जाता है, और आपका फोटो लिया जाता है।
क्या आप जानते थे कि आप इस जानकारी को लॉक कर सकते हैं? जब आप अपने बायोमेट्रिक डेटा को लॉक कर देंगे तो कोई भी इसे एक्सेस नहीं कर पाएगा। अपने बायोमेट्रिक्स को लॉक करने से भविष्य में आपके आधार का दुरूपयोग नहीं हो सकेगा।
अपने बायोमेट्रिक्स को लॉक करने के लिए, बस UIDAI की वेबसाइट में जाएं और नीचे बताए गए तरीके से आगे बढ़ते चले जाएं: My Aadhaar (मेरा आधार) > Aadhaar Services (आधार से जुड़ी सेवाएं) > Lock/Unlock Biometrics (बायोमेट्रिक्स को लॉक/अनलॉक करें)
आप इसी तरीके से आगे बढ़ते हुए इस जानकारी को कुछ समय के लिए अनलॉक भी कर सकते हैं।
डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल करने का सबसे बड़ा लाभ यही है कि आप जब चाहे तब ऑनलाइन लेनदेन कर सकते हैं, प्रोडक्ट के लिए अप्लाई कर सकते हैं, इत्यादि। आपको प्रिंट आउट लेने की प्रक्रिया से गुजरने की जरूरत नहीं पड़ती है और किसी स्थान पर खुद जाकर दस्तावेज जमा करना नहीं पड़ता है। आप विभिन्न पोर्टलों पर बड़े आराम से, मांगे गए दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी अपलोड कर सकते हैं।
UIDAI ने ई-आधार कार्ड को को डाउनलोड करना बेहद आसान बना दिया है जिससे आप जब चाहे तब, जहां चाहे वहां, बड़ी आसानी से अपना ई-आधार कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। मान लीजिए, आपके पास आपका आधार कार्ड नहीं है और आपको ऑथेंटिकेशन के लिए तुरंत उसकी एक कॉपी भेजनी है, आप किसी कंप्यूटर या लैपटॉप का इस्तेमाल करके इसे बड़ी आसानी से कुछ ही मिनट में इसे डाउनलोड करके सबमिट कर सकते हैं। हो सकता है कि आप किसी बाहरी सिस्टम से इसे डाउनलोड कर रहे हों जिसे आप डाउनलोड करने के बाद उसे वहां से डिलीट करना भूल सकते हैं।
हां, आपका डाउनलोड किया गया आधार कार्ड, पासवर्ड द्वारा सुरक्षित होता है, लेकिन हैकर्स, पासवर्ड प्रोटेक्शन को तोड़कर आपकी जानकारी हासिल कर सकते हैं। इसलिए, कभी भी किसी ऐसे सिस्टम से अपना आधार डाउनलोड न करें जिस पर आपको भरोसा नहीं है।
फिशिंग स्कीम इन दिनों काफी लोकप्रिय हो रहे हैं जहां आपको किसी ऐसे व्यक्ति का फोन कॉल आता है जो खुद को आपके बैंक का कर्मचारी, सेवा प्रदाता, ऑनलाइन विक्रेता, इत्यादि बताता है और उसके बाद आपसे कुछ संवेदनशील जानकारी मांगता है जिसका इस्तेमाल वे आपकी अनुमति के बिना कर लेते हैं।
सबसे पहली बात, आधार अधिनियम की धारा 57 को विधेयक में से हटा दिया गया है, जिसका मतलब है कि बैंक, फोन कंपनियां, सुरक्षा कंपनियां, इत्यादि आपको अपने आधार से संबंधित जानकारी देने के लिए मजबूर नहीं कर सकती हैं। आप अपनी इच्छा से ऐसा कर सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको मजबूर नहीं किया जा सकता है, अगर आप इस जानकारी का खुलासा नहीं करना चाहते हैं।
इसके अलावा, वैध तरीके से कॉल करने वाला कोई भी व्यक्ति आपसे फोन पर कोई संवेदनशील जानकारी जैसे आपके बैंक का विवरण, डेबिट/क्रेडिट कार्ड की जानकारी, या आपका आधार नंबर नहीं मांग सकता है। यदि आपको ऐसा कोई फोन कॉल आता है जिसमें संवेदनशील जानकारी मांगी जा रही है तो ऐसी जानकारी देने से इनकार कर दें, और तुरंत अधिकारियों को सतर्क करें।
आधार एक पहचान दस्तावेज है, इसलिए इसे सुरक्षित तरीके से न रखने पर, आपकी पहचान के साथ छेड़छाड़ हो सकती है। इसलिए अपने आधार से संबंधित विवरणों को सुरक्षित करें जैसा आप किसी अन्य संवेदनशील जानकारी के मामले में करते हैं।
(ये आर्टिकल BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी द्वारा लिखा गया है) (डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं।)
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