मुंबई. बिहार और झारखण्ड के सिनेमाघरों में पवन सिंह की एक और बड़ी भोजपुरी फिल्म रिलीज हो रही है जो देशभक्ति और लवस्टोरी के थीम पर बेस्ड है। पवन सिंह आजकल बड़े बजट की फिल्मों में ज्यादा नजर आते हैं और यह फिल्म भी महंगी बनी है,। दर्शकों को इसका अंदाजा ट्रेलर देख कर ही लग गया होगा।
फिल्म देखने पर लगता है कि अब भोजपुरी में भी लोकेशन, कॉस्ट्यूम और आर्टिस्ट पर रुपये खर्च किये जाने लगे हैं। इस फिल्म में पाकिस्तानी विलेन के रोल में हैं मीर सरवर। मीर सरवर को अक्षय कुमार की सुपरहिट फिल्म केसरी में अफगानी कबीले के सरदार के रोल में देखा था।
फिल्म का निर्माण अभय सिन्हा, प्रशांत जम्मूवाला, अपर्णा साह, विशाल गुरानी और समीर आफताब ने संयुक्त रूप से किया है। समीर इस फिल्म में गेस्ट अपीयरेंस में दिखे हैं, वह पवन सिंह के साथ चैलेंज फिल्म में भी दिखे थे। फिल्म का डिस्ट्रीब्यूशन और पब्लिसिटी निशांत उज्ज्वल ने किया है।
कहानी:
फिल्म की कहानी एक ऑटो ड्राइवर और एक पाकिस्तानी लड़की के प्रेम की है। पाकिस्तानी लड़की रुख्सार (मधु शर्मा) भारत में गलती से आ जाती है और अपना याददाश्त खो बैठती है। वह चारों ओर मारी-मारी फिरती है तभी कुछ गुंडे उसके पीछे पड़ जाते हैं और वह उनसे बचती बचाती पवन सिंह से टकराती
पवन उसको गुंडों से बचाते हैं और उसको अनाथ जान अपने घर ले जाते हैं। लड़की को नया नाम राधा मिलता है। पवन के गांव का ही एक दबंग राधा के पीछे पड़ जाता है। राधा को पवन और उनके परिवार के लोगों का स्वभाव देखकर बहुत अच्छा लगता है और वह पवन को दिल दे बैठती है।
पवन राधा से शादी कर लेते हैं। फिल्म में ट्विस्ट तब आता है जब राधा की याददाश्त आ जाती है और वह सबको अपने पाकिस्तानी होने की बात बताती है और वापस जाने की जिद करती है। पवन उसे पाकिस्तान छोड़ आते हैं।
राधा यानी रुख्सार को वहां पता चलता है कि वह पवन के बच्चे की मां बनने वाली है यहीं से फिल्म में असली रोमांच शुरू होता है। पवन कैसे पाकिस्तान जाते हैं और अपनी बीवी और बच्चे को बचाते हैं, पाकिस्तान के नापाक विलेन से वह कैसे लड़ते हैं और कैसे देश का नाम ऊंचा करते हैं यह देखने आपको सिनेमाघर में जाना होगा।
निर्देशन और अभिनय:
फिल्म का निर्देशन फिरोज खान ने किया है और कहानी भी उनकी ही है। फिल्म का स्क्रीनप्ले भी उन्होंने राकेश त्रिपाठी, एस.ए. के साथ मिलकर लिखा है। कहानी हिंदी की फिल्मों से प्रेरित लगती है लेकिन फिल्म की शुरुआत में भोजपुरियत देखने को मिलती है। वीएफएक्स भोजपुरी फिल्मों की लिहाज से उम्दा है।
सिनेमेटोग्राफर वासु ने रेगिस्तान के दृश्य अच्छे से फिल्माया है। अभिनय के मामले में बॉलीवुड से आये और केसरी एवं बजरंगी भाईजान जैसी फिल्मों में काम कर चुके मीर सरवर ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है उनका कश्मीरी होना यूएसपी है। पवन सिंह इस फ़िल्म में वेशभूषा और अंदाज से बिल्कुल गांव वाले लगे हैं, उनका काम अच्छा है।
मधु शर्मा ने राधा और रुख्सार के रोल के साथ न्याय किया है। संजय पांडे अपने हर रोल से आपको प्रभावित करते हैं यहां भी वह शानदार लगे हैं। अन्य कलाकारों में आकांक्षा अवस्थी, प्रियंका पंडित, संजय पांडेय के अलावा संजय वर्मा, धामा वर्मा, ब्रिजेश त्रिपाठी अपना काम कर जाते हैं।
संगीत:
फिल्म का संगीत कर्णप्रिय है, संगीत निर्देशन छोटे बाबा का है और गीत राजेश मिश्रा, पंकज तिवारी, गोविंद ओझा, विवेक बक्शी, सुमित चंद्रवंशी, शेखर मधुर का है। इसमें रोमांटिक, सैड, डांसिंग नंबर के साथ कव्वाली का पूरा पैकेज है। फिल्म सिनेमाघरों में देखने जा सकते हैं, पैसा वसूल फिल्म है।
( लेखक मनोज भावुक जाने माने भोजपुरी फ़िल्म समीक्षक हैं।)