ET Edge SCM Summit 2025 में बोले नितिन गडकरी, हाइड्रोजन ही भविष्य का ईंधन और कही कई बड़ी बातें

ET Edge SCM Summit 2025: टाइम्स ग्रुप के ईटी एज सप्लाई चेन समिट 2025 के 12वें संस्करण को संबोधित करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने देश के ट्रांसपोर्ट और ऑटोमोबाइल सेक्टर में हो रहे बदलावों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भविष्य में इलेक्ट्रिक ट्रक और हाइड्रोजन ईंधन प्रमुख होंगे, जिससे पर्यावरण संरक्षण होगा और भारत की लॉजिस्टिक्स लागत में भी कमी आएगी। यह बदलाव देश की आर्थिक विकास और स्वच्छ ऊर्जा उपयोग की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।

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ET Edge Summit 2025 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

ET Edge SCM Summit 2025: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने SCM समिट 2025 (Supply Chain Management Fest 2025) में भारत के ट्रांसपोर्ट और ऑटोमोबाइल सेक्टर में हो रहे बड़े बदलावों के बारे में महत्वपूर्ण बातें कही। उन्होंने बताया कि आने वाला समय इलेक्ट्रिक ट्रक (EV) और हाइड्रोजन ईंधन पर आधारित ट्रकों का होगा, जो न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद होगा बल्कि भारत की लॉजिस्टिक्स लागत को भी काफी कम करेगा।

इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन ट्रकों का युग

गडकरी ने बताया कि अब इलेक्ट्रिक ट्रकों का दौर शुरू होने वाला है। कई कंपनियां पहले ही EV ट्रकों पर काम कर रही हैं और जल्द ही इन्हें बाजार में उतारा जाएगा। उन्होंने कहा कि LNG की तुलना में 45-50% और CNG की तुलना में 60-65% तक लागत की बचत संभव है, जिससे ईंधन खर्च कम होगा और प्रदूषण भी घटेगा। उन्होंने हाल ही में टाटा मोटर्स के दो हाइड्रोजन ट्रकों का उद्घाटन किया, जिनमें से एक हाइड्रोजन फ्यूल सेल ट्रक और दूसरा IC इंजन आधारित हाइड्रोजन ट्रक है।

₹600 करोड़ का हाइड्रोजन पायलट प्रोजेक्ट

सरकार ने 10 प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों पर ₹600 करोड़ के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की है, जिसमें टाटा, वोल्वो, अशोक लेलैंड, IOC और HPCL जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं। इस योजना के तहत हाइड्रोजन फ्यूल स्टेशन बनाए जा रहे हैं और जल्द ही हाइड्रोजन ट्रक सड़कों पर नजर आएंगे।

भारत की ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री का तीसरा स्थान

गडकरी ने बताया कि जब वे मंत्रालय संभाले थे, तब भारत की ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री का मूल्य ₹13 लाख करोड़ था और देश का रैंकिंग सातवां था। अब भारत ने जापान को पीछे छोड़कर तीसरा स्थान हासिल कर लिया है। अमेरिका ₹78 लाख करोड़ और चीन ₹47 लाख करोड़ की ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री के साथ भारत ₹22 लाख करोड़ की इंडस्ट्री के साथ तीसरे नंबर पर है।

ऑटोमोबाइल सेक्टर में भारत की तेजी

भारत की टू-व्हीलर कंपनियां जैसे बजाज, टीवीएस, हीरो और होंडा का आधा उत्पादन निर्यात होता है। साथ ही, टाटा और महिंद्रा की इलेक्ट्रिक कारों की मांग इतनी बढ़ गई है कि अब वेटिंग लिस्ट भी नहीं बची है। गडकरी ने कहा कि EV सेगमेंट तेजी से बढ़ रहा है और भारत से इस क्षेत्र में एक्सपोर्ट की अपार संभावनाएं हैं।

लॉजिस्टिक्स लागत में कमी के लिए कदम

गडकरी ने बताया कि भारत का उद्देश्य लॉजिस्टिक्स लागत को कम करके आत्मनिर्भर भारत और $5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाना है। सागरमाला योजना के तहत ₹12 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं, जिससे परिवहन लागत में 25% तक की कमी आई है। इसके अलावा, कटरा में ₹1200 करोड़ के मल्टी-मॉडल हब और देशभर में 36 स्थानों पर ₹2 लाख करोड़ की लागत से मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (MMLP) बनाए जा रहे हैं।

‘हाइड्रोजन ही भविष्य का ईंधन’

गडकरी ने कहा कि फॉसिल फ्यूल का आयात भारत के लिए चुनौतीपूर्ण है। उनका लक्ष्य अगले 5-6 वर्षों में भारत को ऊर्जा का निर्यातक देश बनाना है। उन्होंने बताया कि पेट्रोल में 1 किलोमीटर चलाने की लागत ₹2.40 है, जबकि CNG में यह केवल ₹1 है। गडकरी ने जोर देकर कहा कि हाइड्रोजन ही भविष्य का ईंधन है और भारत इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

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